प्रिय साथी,
1 मई, यानी मजदूर दिवस का दिन जन जागरण शक्ति संगठन के लिए एक ख़ास दिन है | इस दिन संगठन से जुड़े नए साथियों को संगठन का एक बड़ा स्वरुप देखने को मिलता है जिससे उनकी संगठन की समझ बढती है | नए-पुराने साथियों को अलग-अलग इलाके में चल रहे संघर्षों को जानने-बूझने का मौका भी मिलता है | साथ ही अलग अलग मुद्दों पर हमारी सामूहिक समझ बनती है | हमारी एकता और बंधुत्व और मजबूत होता है |
ज्ञात हो कि 1 मई दुनिया भर के मेहनतकशों के लिए एक ख़ास दिन है और “अन्तरराष्ट्रीय मजदूर दिवस” के रूप में मनाया जाता है| मई दिवस का इतिहास दुनिया भर के मेहनतकशों के लिए काम की अवधि से जुड़ा हुआ है | आज हम बड़े सहज रूप से मान लेते हैं कि हर दिन दफ्तर में या कारखाने में 8 से 9 घंटा ही काम करना पड़ता है पर उन्नीसवीं शताब्दी में मजदूरों को सूर्योदय से सूर्यास्त तक काम करना पड़ता था | उदहारण के लिए न्यू यॉर्क के पावरोटी उद्योग के मजदूरों को 18 घंटा काम करना पड़ता था | काम की अवधि निश्चित हो और 8 घंटा प्रतिदिन हो इसके लिए बड़ी लड़ाई लड़ी गयी | इसमें जीत भी हासिल हुई | मई दिवस इस जीत और मेहनतकशों के हक़ में हुए तमाम आन्दोलनों और संघर्षों का प्रतीक है | इन संघर्षों में कई साथी शहीद भी हुए हैं | इसलिए 1 मई को दुनिया भर के मेहनतकश जश्न मनाते हैं और शहीद साथियों को याद करते हैं|
इस दिन हम आज के अपने संघर्षों पर नजर डालते हैं और आगे बढ़ने के लिए हौसला बुलंद भी करते हैं | मशीनीकरण और “ठेका” के दौर में ऐसे रोज़गार का भयानक आभाव है जिससे गरिमापूर्ण जीवन जिया जा सके | बुढ़ापे में इन श्रमिकों के लिए कोई सहारा नहीं है | पेंशन के नाम पर केंद्र सरकार 200 रु प्रतिमाह देती है | रोजगार गारंटी कानून में मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी तक नहीं देकर सरकार खुद ही लोगों से बेगार करवा रही है | जरुरत है कि हम अपने संघर्षों को तेज करें| न्याय की इस लड़ाई में हमें आपका साथ चाहिए |
“वे लोग जो महल बनाते हैं और झोंपडि़यों में रहते हैं, वे लोग जो सुन्दर-सुन्दर आरामदायक चीज़ें बनाते हैं, खुद पुरानी और गंदी चटाइयों पर सोते हैं। ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए? ऐसी स्थितियाँ यदि भूतकाल में रही हैं तो भविष्य में क्यों नहीं बदलाव आना चाहिए? अगर हम चाहते हैं कि देश की जनता की हालत आज से अच्छी हो, तो यह स्थितियाँ बदलनी होंगी। हमें परिवर्तनकारी होना होगा।” भगत सिंह के इस कथन से प्रेरणा लेकर आठ साल पहले, 1 मई , 2010 को अररिया के सुदूर ताराबाड़ी हाट पर हज़ारों मजदूर किसान और मेहनतकश लोगों ने अपने संगठन, जन जागरण शक्ति संगठन, की घोषणा की थी | तभी से हर साल हम मई दिवस के मौके पर साथ आते हैं और एक घुमंतू मजदूर मेले का आयोजन करते हैं | इस साल यह मेला मनसाही ब्लॉक, कटिहार के मैदान में मनाया जाएगा | आप तमाम लोगों से आग्रह है कि अगर संभव हो तो इस साल मजदूर दिवस अररिया, कटिहार, पूर्णिया, सहरसा और वैशाली के मजदूर किसान साथियों के साथ मनाएं |
हम आपको आपके वार्षिक सहयोग के बारे में याद दिलाना चाहते हैं | हमें फंड कि जरुरत है | कृपया कर जन जागरण शक्ति संगठन को अपने काम को जारी रखने के लिए आर्थिक सहयोग करें | ईमेल से अपना संकल्प भेजें|
सधन्यवाद !
रणजीत पासवान , आशीष रंजन , शिवनारायण , जितेन , ब्रह्मानंद , अजय, फूल कुमारी, आशा देवी, मो. अयूब, रीना देवी, दीपनारायण (सिकटी) , दीपनारायण पासवान, कृष्ण कुमार सिंह
जन जागरण शक्ति संगठन (ट्रेड यूनियन क़ानून के तहत पंजीकृ: प.सं. 4119/2011)
संपर्क : 9973363664 / 7319662732 email: janjagranbihar@gmail.com www.facebook.com/jjssbihar www.jjssbihar.wordpress.com
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